मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से तेज़ दौड़ रहा है उत्तर प्रदेश विकास के पथ पर

युवा सशक्तिकरण से लेकर बुनियादी ढांचे तक, जनहित की योजनाओं से बदल रही है प्रदेश की तस्वीर

उत्तर प्रदेश की तस्वीर इन दिनों जिस रफ़्तार से बदल रही है, वह केवल विकास की योजनाओं का लेखा-जोखा भर नहीं है, बल्कि यह उस राजनीतिक इच्छाशक्ति का परिणाम है जिसने “सुशासन” को जमीन पर उतारा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश ने बीते कुछ वर्षों में जिन मोर्चों पर निर्णायक प्रगति की है, वह उत्तर प्रदेश को न केवल देश में बल्कि वैश्विक मंच पर भी विशिष्ट पहचान दिलाने की ओर बढ़ा रही है।

मुख्यमंत्री की सबसे बड़ी उपलब्धि यह रही है कि उन्होंने शासन को ‘नियत, नीतियों और निष्ठा’ से जोड़ा। कानून-व्यवस्था हो या निवेश का माहौल, बुनियादी ढांचे का विकास हो या युवाओं के लिए स्वरोजगार के अवसर—हर पहलू पर योजनाबद्ध, लक्ष्य आधारित और पारदर्शी कार्यप्रणाली ने प्रदेश को एक नई गति प्रदान की है।

हाल ही में शुरू की गई ‘सीएम युवा हब’ योजना इसका सशक्त उदाहरण है, जिसने बेरोजगारी के विरुद्ध निर्णायक हस्तक्षेप किया है। बिना ब्याज व बिना जमानत ऋण देकर सरकार ने युवाओं को आर्थिक आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ने का वास्तविक अवसर दिया है। साथ ही, ‘यूपी मार्ट’ जैसे डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म यह संकेत देते हैं कि प्रदेश तकनीकी रूप से सक्षम, उद्यमशील और वैश्विक संभावनाओं से जुड़ने के लिए पूरी तरह तैयार है।

औद्योगिक निवेश की दृष्टि से भी उत्तर प्रदेश अब पिछड़ेपन की परिभाषा से बाहर निकल चुका है। हजारों करोड़ की परियोजनाएं, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कंपनियों की भागीदारी और लगातार हो रही ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी यह साबित करती है कि “Ease of Doing Business” अब सिर्फ एक नारा नहीं, बल्कि जमीन पर उतर चुकी सच्चाई है। यही वजह है कि उत्तर प्रदेश आज निवेशकों का भरोसेमंद गंतव्य बन गया है।

पर्यटन, स्वास्थ्य, शहरी विकास, महिला सशक्तिकरण और कृषि क्षेत्र में भी सरकार की योजनाएं केवल घोषणाओं तक सीमित नहीं रहीं, बल्कि इनके प्रभाव आमजन तक स्पष्ट रूप से पहुंच रहे हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना, स्वच्छ भारत मिशन, और जल जीवन मिशन जैसी केंद्रीय योजनाओं को राज्य सरकार ने अपनी प्रतिबद्धता और तेज़ कार्यान्वयन क्षमता से जो गति दी है, वह अनुकरणीय है।

इसमें दो राय नहीं कि उत्तर प्रदेश जैसे विशाल राज्य में चुनौतियों की कोई कमी नहीं रही है। लेकिन जब नेतृत्व स्पष्ट सोच के साथ सामने आता है, तो नीतियां केवल कागज़ों पर नहीं रहतीं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यही नेतृत्व आज प्रदेश के युवाओं, किसानों, महिलाओं, गरीबों और शहरी-ग्रामीण समाज को यह भरोसा दिला रहा है कि बदलाव संभव है — और वह बदलाव अब दिख भी रहा है।

उत्तर प्रदेश के विकास की इस तेज़ रफ्तार को अब स्थायित्व, निरंतरता और भागीदारी की आवश्यकता है। जनता का विश्वास, प्रशासन की प्रतिबद्धता और नेतृत्व की स्पष्ट दिशा—इन तीनों के मेल से यह प्रदेश आने वाले वर्षों में ‘उत्तम प्रदेश’ से ‘अद्वितीय भारत का प्रतीक प्रदेश’ बन सकता है।

अरुणेश मिश्रा, जिला संवाददाता

 

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